



दरभंगा : गंगा जमुनी तहजीब का जिंदा मिसाल, दोनों समुदायों ने ताजिया बनाने कि की पहल -अलीनगर
एम राजा की रिपोर्ट
जिला का अलीनगर प्रखंड क्षेत्र का पिरहौली गॉव जो पिछलेे कई वर्षों से अपनी सांस्कृतिक व धरोहर के रूप में जाना जाता रहा है । मोहर्रम के दिनों यहां की रौनक देखते ही बनती थी लेकिन पिछले कई वर्ष से ताजिया बनना बंद होगया था। लोग आपसी तनाव व नशे में होने वाली घटना को लेकर ताजिया बनाना लगभग छोड़ चुके थे। पिछले वर्ष हाँ न कि स्थिति में ताजिया बनाया गया । लेकिन इस वर्ष जिसको लेकर अलीनगर जाना और पहचाना जाता रहा है उस मोहर्रम के रंग में ताजिया नही बनाने से नई पीढ़ी में मायूसी छाने लगी थी। गॉव के संजय मंडल, चंदे मंडल , कोचिंग संस्था के संचालक अशरफी साह निर्मल साहू सहित दर्जनों लोग के आपस मे बिचार विमर्श करने के बाद सभी लोगों ने निर्णय लिया कि ताजिया नही बनने से गॉव में मोहर्रम का रंग फीका पड़ जाता है इसीलिए हमलोग मिलजुलकर ताजिया बनाने में सहयोग करेंगे।इसको लेकर पंचायत के मुखिया मनेसुर्रह्मान से बात की गई फिर उन्होंने भी गॉव के कई जिम्मेदार लोग मो0 शकील, मो0 ईशा ,मो0 सहाबुद्दीन सहित कई लोगों से सहमति के बाद ताजिया बनाने पर मोहर लगा दी।ज्ञात हो कि इस गॉव में घोड़े वाला ताजिया आकर्षक का केंद्र रहा है। ताजिया बनने की खबर से गॉव सहित आस पास के लोगों में मोहर्रम के प्रति काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।तो वहीं गॉव के ही राजेश्वर प्रसाद ने बताया इस बार का मोहर्रम पिछले दशक के मोहर्रम में सुमार किया जाएगा।