



दरभंगा – राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान को लेकर निकाली गई मोटरसाइकिल जुलूस -बिरौल
नीलेश कुमार के साथ एम राजा की रिपोर्ट
राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान सुपौल बाजार में स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में मोटरसाइकिल जुलूस निकाली गई साथ ही जगह-जगह नुक्कड़ सभा का आयोजन भी किया गया । बिरौल अनुमंडल मुख्यालय में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए विभाग सेवा प्रमुख रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि भारत वर्ष को फिर से एक बार विश्व गुरु के सिंहासन पर प्रतिष्ठित करने के लिए और भारत माता का मान बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि हम चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार करें क्योंकि
“चीन छीन देश का गुलाब ले गया ताशकंद में वतन का लाल सो गया”
हर सुबह की शक्ल को संवारते रहे जीतने के बाद बाजी हारते रहे गोपाल सिंह नेपाली ने भी चेताते हुए कहा था कि क्या हर युग में पांचाली का चीर हरण होता रहेगा हम मौन रहेंगे और भारत माता अपमानित होती रहेगी भारत और देश है जहां मौन रहने का काम कभी नहीं हुआ आज वह घड़ी है कि क्या “हम यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे” का इंतजार करेंगे। हम कब तक मां सीता का अपहरण करने के बाद रावण के विध्वंस के लिए श्रीराम का , पांचाली के अपमान के बाद दुर्योधन का अंत करने के लिए सिर्फ कृष्ण का और शब्द भेदी बाण चलाने वाले चौहान की ओर मुंह ताकते रहेंगे । भारत की सरहद को सुरक्षित रखने का उत्तरदायित्व हमारे ऊपर है और आज अनुमंडल बीरबल की धारा से कोने कोने तक यह संदेश किसी निर्मित वस्तुओं का हम करेंगे विरोध भारत माता की जय का गुणगान होता रहेगा और अगर आवश्यकता पड़ी तो हम इसके लिए अपना सर्वस्व अर्पण करते रहेंगे। पुरानी थाना चौक पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए माधव कुमार चौधरीकहा कि चीन निर्मित वस्तु व्यक्ति , समाज, राष्ट्र और मानवता के लिए हानिकारक है। चीन सदैव ही मानवाधिकार सारी सीमाएं पाय करती रही है। इसलिए चीन निर्मित वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करें। नुक्कड़ सभा को आर एस एस के जिला कार्यवाह सनोज नायक,किसान नेता रामकुमार मिश्र, महावीर सिंह, माधव कुमार चौधरी, रामशरण यादव, बैजनाथ दास, रामप्रवेश चौपाल , वचनदेव साहनी , मोहन पासवान , महावीर चौपाल , सीताराम झा, बालकृष्ण आचार्य,भोला भगत, अरविंद सेठ, अरविंद शर्मा, राजकुमार सहनी, कृष्णचंद्र पौद्दार, रामविलास भारती, प्रेमचंद आचार्य,श्रीकांत महतो, रामबाबू आचार्य, गणेश सहनी, अजय बिरौलिया आदि ने संबोधित किए।