



बेनीपुर प्रखंड के अंतर्गत नवादा में स्थित स्व. हरिश्चन्द्र झा पुस्तकालय का हालात दयनीय है, वर्ष 2003-4 में सांसद कीर्ति झा आजाद के ऐच्छिक कोष से 30000 की लागत से बना यह पुस्तकालय को दीमक चाट रही है, विद्यार्थीयों के उज्जवल भविष्य का परिकल्पना आज अंधियारा में बदल चुका है, नाम के लिए तो यहाँ सभी पार्टी के नेता अपने अपने पार्टी में उच्च स्थान पर काबिज हैं, लेकिन उनके गाँव में ही यह कुव्यवस्था उनकी पोल खोलती दिख रही है, यहाँ पर पठन-पाठन के बदले रोज ताश खेलने वालों की मजलिश लगी रहती है, नशापान के लिए यह सुरक्षित स्थान है, वहीं कुछ घंटे यहाँ पर एक शिक्षक अपना निजी
शिक्षण संस्थान चलाते हैं, बता दें कि बेनीपुर में तीन बार भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ने तथा पार्टी को बेनीपुर स्थापित करने वाले प्रमुख रह चुके स्व. हरिशचंद्र झा के नाम पर यह पुस्तकालय की स्थापना हुई थी, गांव के कुछ सामाजिक युवा से जब हमने इसके हालात पर चर्चा उन्होंने कहा कि गांव का राजनीति बहुत गन्दी हैं, और हरिश्चन्द्र बाबु के परिजनों का यहाँ हुकूमत चलता है, और उनका परिवार कुछ नहीं होने देता है या फिर नहीं करता है । लेकिन सवाल एक ही कुछ भी हो लेकिन पुस्तकालय की यह हालात सामाजिक चेतना और ग्रामीण/नेताओं की मंशा को जाहिर करती है ।